“हिमालयः पर संस्कृत निबंध – हिमालय पर्वत की महिमा, महत्व, प्राकृतिक सौंदर्य एवं भारतीय संस्कृति में उसका स्थान जानिए। छात्र एवं प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु उपयुक्त।”
हिमालयः पर संस्कृत निबंध
हिमालयः
(१) हिमालयः अस्माकं देशस्य उत्तरदिशि तिष्ठति। (२) अयं पर्वतराजः इति उच्यते। (३) अस्य पर्वतस्य अनेकानि शिखराणि सन्ति। (४) अयं पर्वतः विशालतमः अस्ति। (५) हिमालयः भारतस्य शुभ्रः मुकुटः इव विभाति। (६) अस्मिन् पर्वते तपस्विजनाः तपस्या कुर्वन्ति। (७) अत्र नाना विधाः वनस्पतयः विविधानि रत्नानि औषधयाश्च प्राप्यन्ते। (८) अनेकाः नद्यः हिमालयात् निर्गच्छन्ति। (६) अयं पर्वतः अस्माकं महोपकारकः अस्ति। (१०) संस्कृत साहित्ये हिमालयस्य महत्त्वपूर्णम् वर्णनम् अस्ति।
हिन्दी अनुवाद
हिमालय
(१) हिमालय हमारे देश के उत्तर दिशा में स्थित है। (२) इसे पर्वतराज कहा जाता है। (३) इस पर्वत की अनेक चोटियाँ हैं। (४) यह पर्वत विशालतम है। (५) हिमालय भारत का उज्ज्वल मुकुट जैसा दिखाई देता है। (६) इस पर्वत पर तपस्वीजन तपस्या करते हैं। (७) यहाँ विविध प्रकार की वनस्पतियाँ, बहुमूल्य रत्न और औषधियाँ प्राप्त होती हैं। (८) अनेक नदियाँ हिमालय से निकलती हैं। (९) यह पर्वत हमारे लिए अत्यंत उपयोगी है। (१०) संस्कृत साहित्य में हिमालय का विशेष महत्त्व वर्णित है।